Maharaja Movie Review: भारतीय सिनेमा में थ्रिलर फ़िल्में बहुत कम बनती हैं, और अगर बनती भी हैं, तो अक्सर उनके क्लाइमैक्स में कमी रह जाती है। हालांकि थ्रिलर जॉनर में कई प्रकार के उप-वर्ग होते हैं, जैसे कि एक्शन, सस्पेंस आदि, लेकिन सस्पेंस के बिना थ्रिल नहीं हो सकता।
Maharaja थ्रिलर का नया दौर
तमिल फिल्म 'महाराजा' में विजय सेतुपति और अनुराग कश्यप मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म थ्रिल, सस्पेंस और एक्शन का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो पारिवारिक पृष्ठभूमि पर आधारित है।
फिल्म की विशेषताएँ:
- पारिवारिक संवेदनाएँ: फिल्म में परिवार के साथ बलात्कार जैसे गंभीर अपराध की भी जघन्यता दिखाई गई है।
- संतुलित एक्शन: दक्षिण भारतीय फिल्मों की तरह अत्यधिक अवास्तविक एक्शन नहीं है।
- अच्छा अभिनय: फिल्म में सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है।
- गाने और रोमांस: जबरन ठूंसे गए रोमांटिक गाने और दृश्य नहीं हैं।
भारतीय थ्रिलर फ़िल्में और 'महाराजा'
भारतीय सिनेमा में हॉलीवुड जैसी सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्में दुर्लभ हैं। मलयालम सिनेमा ने ज़रूर कुछ उत्कृष्ट प्रयोग किए हैं, जैसे 'ब्रह्मयुगम' और 'तुम्बाड़'। लेकिन, बॉलीवुड के लिए थ्रिलर जॉनर अभी भी एक चुनौती बना हुआ है।
उदाहरण:
- मलयालम में: 'दृश्यम' सीरीज
- हिंदी में: 'अंधाधुन'
- कन्नड़ में: 'लुसिया'
- तमिल में: 'ध्रुवंगल पाठिनारु'
Maharaja की कहानी
फिल्म में विजय सेतुपति और अनुराग कश्यप के बाद सबसे महत्वपूर्ण किरदार निर्देशक का है। नीतिलन स्वामीनाथन ने अपने दूसरे ही फिल्म में शानदार निर्देशन किया है। फिल्म की कहानी दो पिताओं के इर्दगिर्द घूमती है, जिनकी बेटियाँ हैं और वे अपने परिवार को खुश देखना चाहते हैं।
कहानी के महत्वपूर्ण बिंदु:
- पुलिस व्यवस्था पर कटाक्ष: फिल्म में भारतीय पुलिस व्यवस्था की भी आलोचना की गई है।
- समाज में अपराधी: यह दिखाया गया है कि जघन्य अपराधी भी हमारे बीच सामान्य नागरिक के रूप में रह सकते हैं।
- मानवता और राक्षसी प्रवृत्ति: फिल्म मानवता और राक्षसी प्रवृत्ति के बीच का संघर्ष दिखाती है।
फिल्म का संगीत और निर्देशन
तमिल फिल्मों का पार्श्व संगीत हमेशा जोरदार रहा है। 'महाराजा' में B अजनीश लोकनाथ का संगीत है, जो फिल्म को और भी प्रभावी बनाता है। निर्देशक ने फालतू के दृश्यों में समय बर्बाद नहीं किया है और कहानी पर ही फोकस किया है।
मुख्य संगीतकार: B अजनीश लोकनाथ
प्रभावी दृश्य: अनुराग कश्यप की एंट्री और विजय सेतुपति के एक्शन वाले दृश्य
Maharaja का विशेष आकर्षण
फिल्म में एक सामाजिक समस्या को कमर्शियल तत्वों के साथ पेश किया गया है, जो एक मुश्किल काम है।
मुख्य विशेषताएँ:
- जबरन नहीं ठूंसे गए दृश्य: बलात्कारी को हीरो द्वारा पुल से लटकाना, कोर्ट में भाषण देना आदि जैसे जबरन ठूंसे गए दृश्य नहीं हैं।
- हर दृश्य का महत्व: फिल्म का हर दृश्य महत्वपूर्ण है, इसलिए स्किप करने पर कहानी समझने में दिक्कत हो सकती है।
- भूत और वर्तमान का मिश्रण: भूत और वर्तमान को मिक्स करने का तरीका बेहतरीन है।
क्यों भारतीय सिनेमा में ऐसी फ़िल्में नहीं बनतीं?
भारतीय निर्माता-निर्देशक अक्सर विदेशी फिल्मों की नकल में सेक्स, गालियाँ और खून-खराबा परोसने लग जाते हैं।
समस्याएँ:
- कहानी का कमजोर होना: थ्रिलर फिल्मों में मजबूत कहानी की आवश्यकता होती है।
- अभिनय का महत्व: अच्छे अभिनेता-अभिनेत्रियों का होना जरूरी है।
- क्लाइमैक्स का सही तरीके से हैंडल करना: क्लाइमैक्स को सही तरीके से पेश करना जरूरी है।
Maharaja की अद्वितीयता
फिल्म में कचरे का डब्बा भी एक किरदार है, जिसे 'लक्ष्मी' कहा गया है।
अन्य उदाहरण:
- 'गुल्लक' वेब सीरीज: जहां निर्जीव वस्तुओं को भी किरदार बनाया गया है।
- फिल्म की खूबसूरती: निर्देशक ने यह दिखाया है कि साधारण कहानी को भी असाधारण बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
'Maharaja' एक अद्वितीय थ्रिलर फिल्म है, जो भारतीय सिनेमा में ताज़गी का झोंका लेकर आई है। यह फिल्म न केवल थ्रिल और सस्पेंस का बेहतरीन मिश्रण है, बल्कि सामाजिक समस्याओं पर भी गहरा कटाक्ष करती है। इस फिल्म को देखकर यह समझ में आता है कि अगर कहानी मजबूत हो और निर्देशक उसे सही तरीके से पेश करे, तो भारतीय सिनेमा भी विश्वस्तरीय थ्रिलर फिल्में बना सकता है।
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